संविधान सभा का गठन | संविधान सभा | अंतरिम सरकार
संविधान सभा का गठन | संविधान सभा | अंतरिम सरकार |
संविधान सभा का गठन
15 मार्च 1946 को इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री क्लीमेन्ट एटली ने घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों को स्वतन्त्रता प्रदान करने के निर्णय लिया इसी योजना के तहत 24 मार्च 1946 को कैविनेट मिशन (लॉरेंस, क्रिप्स तथा एलेक्जेण्डर जिसमें लॉरेंस अध्यक्ष थे) भारत आया
10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि चुना जाय| इस प्रकार संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया गया
प्रत्येक समुदाय के प्रतिनिधि प्रांतीय विधानमंडल में उस समुदाय के सदस्यों द्वारा चुने जाने थे
मतदान एकल संक्रमणीय पत्र पद्धति (आनुपातिक प्रतिनिधित्व) द्वारा किया जाना था| जुलाई 1946 में 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को 208 और मुस्लिम लीग को 73 सीटें मिली
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 (Indian Independence Act 1947) युनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट द्वारा पारित वह विधान है जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित भारत का दो भागों (भारत तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया।
माउण्ट बेटन योजना के तहत 3 जून 1947 को भारत को दो सम्प्रभु राष्ट्र भारत और पाकिस्तान को मान्यता प्रदान की गयी यह अधिनियम 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में पेश हुआ और 18 जुलाई 1947 को स्वीकृत हुआ और 15 अगस्त 1947 को भारत बंट गया।
इस प्रकार 14, 15 अगस्त 1947 को पाकिस्तान और भारत आजाद हुआ
भारतीय संवैधानिक विकास के क्रम में अनेक विधेयक ब्रिटिश संसद ने पारित किए लेकिन सन् 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा भारत के लिए अंतिम किन्तु सबसे अत्यधिक महत्वपूर्ण अधिनियम था।
भारतीय स्वाधीनता अधिनियम द्वारा भारत ने 200 वर्ष से चल रहा ब्रिटिश शासन से मुक्ति प्राप्त की।
संविधान सभा तात्कालिक रूप से विधान मंडल के रूप में कार्य करेगी नये संविधान के निर्वाण तक 1935 का भारत शासन अधिनियम द्वारा शासन चलेगा
पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंन्त्र भारत की प्रथम सरकार का गठन हुआ और स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि मंत्री डॉ. भीमराव अम्बेडकर को बनाया गया
अंतरिम सरकार के मंत्री
2 सितम्बर 1946, को नवनिर्वाचित संविधान सभा ने भारत की अंतरिम सरकार का गठन किया जोकि 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में बनी रही। अंतरिम सरकार की कार्यकारी शाखा का कार्य वायसराय की कार्यकारी परिषद करती थी जिसकी अध्यक्षता वायसराय द्वारा की जाती थी।
इसमें कांग्रेस द्वारा नामित 3 मुस्लिम सदस्यों सहित कुल 12 सदस्य शामिल थे। भारत में ब्रिटिशों के आने के बाद यह प्रथम अवसर था जब भारत की सरकार भारतीयों के हाथों में थी। 26 अक्टूबर को लीग द्वारा नामित 5 सदस्य इसमें शामिल हुए और इन नए सदस्यों के लिए स्थान बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा नियुक्त सदस्यों में हेर-फेर किया गया
24 अगस्त 1946 को अंतरिम सरकार गठन किया गया वायसराय इस कार्यकारिणी परिषद के अध्यक्ष तथा पं. जवाहर लाल नेहरू को उपाध्यक्ष बनाया गया
1. जवाहर लाल नेहरू -- कार्यकारणी परिषद के उपाध्यक्ष विदेश मामले, राष्ट्रमण्डल
2. बल्लभ भाई पटेल -- गृह, सूचना तथा प्रशासन
3. बल्देव सिंह -- रक्षा
4. सी. राजगोपालचारी -- शिक्षा
5. आसफ अली -- रेलवे
6. लियाकत अली खॉँ -- वित्त
7. अब्दुल रब नश्तर -- संचार
8. जान मथाई -- उद्योग एवं आपूर्ति
9. जगान्तर अली खां -- स्वास्थ्य
10. राजेंद्र प्रसाद -- खाद्य एवं कृषि
11. जगजीवन राम -- श्रम
12. आई. आई. चुंदरीगर -- वाणिज्य
13. सी. एच. भाषा -- कार्य खान तथा बन्दरगाह
14. योगेंद्र नाथ मंडल -- विधि
संविधान सभा
1. संविधान सभा के कुल सदस्य -- 389
2. ब्रिटिश भारत के 11 प्रान्तों से -- 292
3. चार कमिश्नर क्षेत्रों से -- 4
4. देशी रियाशत -- 93
5. अनुसूचित जनजातियों की संख्या -- 33
6. अनुसूचित जातियों संख्या -- 26
7. महिला सदस्यों की संख्या -- 9
संविधान निर्मात्री समितियां और उसके अध्यक्ष
1. प्रारूप समिति -- डॉ. भीमराव अम्बेडकर
2. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष -- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा
3. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष -- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
4. संघ संविधान समिति -- पं. जवाहर लाल नेहरू
5. प्रान्तीय संविधान समिति -- सरदार बल्लभ भाई पटेल
6. अल्पसंख्यक परामर्श समिति -- सरदार पटेल
7. मूल अधिकार समिति -- सरदार पटेल
8. देशी रियासत समिति -- पं. नेहरू
9. संचालन समिति -- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
नोट - संविधान सभा द्वारा कुल 26 समितियों का गठन किया गया था
प्रारूप समिति के सदस्य
1. डॉ. भीमराव अम्वेडकर (अध्यक्ष)
2. गोपाल स्वामी आयंगर
3. कृष्णा स्वामी अय्यर
4. के. एम. मुंशी
5. सैयद मुहम्मद सादुल्ला
6. एन. माधव राव (बी. एल. मित्र स्थान पर)
7. डी. पी. खेतान (1948 में खेतान की मृत्यु के पश्चात टी. टी. कृष्णामचारी को सदस्य बनाया गया)
प्रारूप समिति से संविधान के प्रारूप पर विचार - विमर्श के बाद 21 फरवरी 1948 को अपनी रिपोर्ट संविधान सभा को पेश की
संविधान सम्बंधित तथ्य
1) संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन 9 दिसम्बर 1946 को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में प्रारम्भ हुआ
2) वी. एन. राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया था
3) डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की सर्वसम्मति अस्थायी अध्यक्ष चुना गया
4) 11 दिसम्बर 1946 की बैठक में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया
5) 13 दिसम्बर 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान की आधारशिला रखी
6) संविधान के निर्माण का कार्य करने के लिए अनेक समितियाँ वनाई गई जिसमें सबसे प्रमुख्य प्रारूप समिति थी
7) संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 माह 18 दिन का समय लगा और 64 लाख रूपये खर्च हुए
8) संविधान 26 नवम्वर 1949 को वनकर तैयार हो गया था और इसी दिन इस पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर हुए
9) संविधान के अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 और 393 इसी दिन (26 नवम्वर 1949) को लागू हो गये थे शेष अनुच्छेद 26 जनवरी 1950 को लागू हुये
10) संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई और इसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया
11) भारतीय संविधान की 395 अनुच्छेद 22 भाग 12 अनुसूचियों में विभक्त किया गया है प्रारम्भ में 8 अनुसूचियाँ थी
12) डॉ. भीमराव अम्वेडकर को भारतीय संविधान का जनक के रूप में जाना जाता है
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