भारतीय संविधान \ रेगुलेटिंग एक्ट \ पिट्स इंडिया एक्ट \ भारत परिषद अधिनियम \ bharteey samvidhan \ raguleting act

 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 
Historical Background 

 रेगुलेटिंग एक्ट \ पिट्स इंडिया एक्ट \ भारत परिषद अधिनियम 



भारत में ब्रिटिश 1600 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी के रूप में, व्यापार करने आए | महारानी एलिजाबेथ प्रथम के चार्टर द्वारा उन्हें भारत में व्यापार करने के विस्तृत अधिकार प्राप्त थे |
 कंपनी जिसके कार्य अभी तक सिर्फ व्यापारिक कार्यों तक ही सीमित थे, ने 1765 में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त कर लिए | इसके तहत भारत में उसके क्षेत्रीय शक्ति बनने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई | 

1858 में "सिपाही विद्रोह" के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ताज ने भारत के शासन का उत्तरदायित्व प्रत्यक्ष: अपने हाथों में ले लिया | यह शासन 15 अगस्त 1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक अनवरत रूप से जारी रहा 



स्वतंत्रता मिलने के साथ ही भारत में एक संविधान की आवश्यकता महसूस हुई | 1934 में एम. एन. राय ने भारत में साम्यवाद आंदोलन के प्रणेता और आमूल परिवर्तनवादी प्रजातंत्रवाद के समर्थक के दिए गए सुझाव को अमल में लाने के उद्देश्य से 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया और 26 जनवरी 1950 की संविधान अस्तित्व में आया | 


कंपनी का शासन (1773 से 1858 तक)

1773 का रेगुलेटिंग एक्ट


भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित और नियंत्रित करने की दिशा में ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाया गया यह पहला कदम था 
इसके द्वारा पहली बार कंपनी के प्रशासनिक और राजनैतिक कार्यों को मान्यता मिली एवं इसके द्वारा भारत में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी गयी 

1773 का रेगुलेटिंग एक्ट की विशेषताएं 


1. बंगाल के गवर्नर को ' बंगाल का गवर्नर जनरल ' पद नाम दिया गया एवं उसकी सहायता के लिए एक चार सदस्यीय कार्यकारी परिषद का गठन किया गया 
प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड वारेन हेस्टिंग्स थे 

2. इसके द्वारा मद्रास एवं बंबई के गवर्नर बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन हो गये जबकि पहले सभी प्रेसीडेंसियों के गवर्नर एक दूसरे से अलग थे 

3. कलकत्ता में 1774 में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई जिसमें मुख्य न्यायाधीश  और तीन अन्य न्यायाधीश थे 

4. इसके तहत कंपनी के कर्मचारियों को निजी व्यापार करने और भारतीय लोगों से उपहार व रिश्वत लेना प्रतिबंधित कर दिया गया 

5. इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश सरकार का ' कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स के माध्यम से कम्पनी  पर नियंत्रण सशक्त हो गया 
इसे भारत में इसके राजस्व, नागरिक और सैन्य मामलोँ की जानकारी ब्रिटिश सरकार को देना आवश्यक कर दिया गया 

1784 का पिट्स इंडिया एक्ट 


रेगुलेटिंग एक्ट 1773 की कमियों को दूर करने के लिए ब्रिटिश संसद ने एक संशोधन अधिनियम 1781 में पारित किया जिसे एक्ट ऑफ सैटलमेंट के नाम से भी जाना जाता है इसके बाद अन्य महत्वपूर्ण अधिनियम पिट्स इंडिया एक्ट 1784 में अस्तित्व में आया 

1784 का पिट्स इंडिया एक्ट की विशेषताएं 


1. इसने कम्पनी  राजनैतिक और वाणिज्यिक  कार्यों को पृथक - पृथक कर दिया 

2. इसने निदेशक मंडल को कम्पनी के व्यापारिक मामलों के अधीक्षण की अनुमति तो दे दी लेकिन राजनैतिक मामलों के प्रबंधन के लिए नियंत्रण बोर्ड (बोर्ड ऑफ कंट्रोल) नाम से एक नए निकाय का गठन कर दिया 
इस प्रकार द्वैध शासन की व्यवस्था का शुभारंभ किया गया 

3. नियंत्रण बोर्ड को यह शक्ति थी कि वह ब्रिटिश नियंत्रण भारत में सभी नागरिक, सैन्य सरकार व राजस्व गतिविधियों का अधीक्षण एवं नियंत्रण करें 

1833 का चार्टर अधिनियम 


ब्रिटिश भारत के केन्द्रीयकरण की दिशा में यह अधिनियम निर्णायक कदम था 

1833 का चार्टर अधिनियम की विशेषताएं 


1. बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत के गवर्नर जनरल बना दिया गया 
इस अधिनियम ने पहली बार एक ऐसी सरकार का निर्माण किया जिसका ब्रिटिश कब्जे वाले सम्पूर्ण भारतीय क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण था 

लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल थे 

2. इसके अंतर्गत पहले बनाए गए कानूनों को नियामक कानून कहा गया और नए कानून के तहत बने कानूनों को एक्ट या अधिनियम कहा गया 

3. चार्टर एक्ट 1833 ने सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरू करने का प्रयास किया 
इसमें कहा गया की कम्पनी में भारतीयों को किसी पद, कार्यालय और रोजगार को हासिल करने से वंचित नहीं किया जायेगा 

कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त  कर दिया गया 

1853 का चार्टर अधिनियम 


संवैधानिक विकास की दृष्टि से यह अधिनियम एक महत्वपूर्ण अधिनियम था 

1853 का चार्टर अधिनियम की विशेषताएं 


1. इसने गवर्नर जनरल के लिए नई विधान परिषद् का गठन किया जिसे भारतीय (केंद्रीय) विधान परिषद् कहा गया परिषद की इस शाखा ने छोटी संसद की तरह कार्य किया 

2. इसने सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु खुली प्रतियोगिता व्यवस्था का  शुभारंभ किया 
इस प्रकार विशिष्ट सिविल सेवा भारतीय नागरिकों के लिए खोल दी गई और इसके लिए 1854 में भारतीय सिविल सेवा के सम्वन्ध में मैकाले समिति की नियुक्त की गई 

3. इसने प्रथम बार भारतीय केंद्रीय विधान परिषद् में स्थानीय प्रतिनिधित्व प्रारंभ किया गवर्नर जनरल की परिषद में 6 नए सदस्यों में से, चार का चुनाव बंगाल, मद्रास, बंबई और आगरा की स्थानीय प्रांतीय सरकारों द्वारा किया जाना था 

1858 का भारत शासन अधिनियम 


इस महत्वपूर्ण कानून के निर्माण 1857 के विद्रोह के बाद किया गया इस कानून ने ईस्ट इंडिया कंपनी को समाप्त कर दिया और गवर्नरों, क्षेत्रों और राजस्व संबंधी शक्तियों ब्रिटिश राजशाही को हस्तांतरित कर दी 

1858 का भारत शासन अधिनियम की विशेषताएं 


1. इसके तहत भारत का शासन सीधे महारानी विक्टोरिया के अधीन चला गया 
गवर्नर जनरल का पदनाम बदलकर भारत का वायसराय कर दिया गया वह (वायसराय) भारत में ब्रिटिश ताज का प्रत्यक्ष प्रतिनिधि बन गया 
लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय बने 

2. इस अधिनियम ने नियंत्रण बोर्ड और निदेशक कोर्ट समाप्त कर भारत में शासन की द्वैध प्रणाली समाप्त कर दी 

3. एक नए पद भारत के राज्य सचिव का सृजन किया गया जिसमें भारतीय प्रशासन पर सम्पूर्ण नियंत्रण की शक्ति निहित थी 

4. भारत सचिव की सहायता लिए 15 सदस्यीय परिषद का गठन किया गया परिषद का अध्यक्ष भारत सचिव को बनाया गया 

1861, 1892 और 1909 के भारत परिषद अधिनियम 


1857 की महान क्रांति के बाद ब्रिटिश सरकार ने महसूस किया की भारत में शासन चलाने के लिए भारतीयों का सहयोग लेना आवश्यक है इस सहयोग नीति के तहत ब्रिटिश संसद ने 1861, 1892 और 1909 में तीन नए अधिनियम पारित किए 

1861 के भारत परिषद अधिनियम की विशेषताएं 


इसके द्वारा कानून बनाने की प्रक्रिया में भारतीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की शुरुआत हुई 
1862 में लॉर्ड कैनिंग ने तीन भारतीयों बानरस के राजा, पटियाला के महाराजा और सर दिनकर राव की विधान परिषद में मनोनीत किया 

1892 के अधिनियम की विशेषताएं 

इसने विधान परिषदों के कार्यों में वृद्धि कर उन्हें बजट पर बहस करने और कार्यपालिका के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अधिकृति किया 

Previous Page                                                            Next Page



भारतीय संविधान के बारे में


इतिहास के बारे में


भूगोल  के बारे में


Shailesh Shakya 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.