भारतीय संविधान | भारतीय संविधान की धाराएं | संविधान के भाग | bharteey samvidhan

भारतीय संविधान

भारतीय संविधान | भारतीय संविधान की धाराएं | संविधान के भाग


 संविधान के 22 भाग कौन कौन से हैं?

वर्तमान में भारतीय संविधान के कुल कितने भाग है?


संविधान के प्रमुख भाग 

भाग - 1 
            ➥ संघ और उसका राज्य क्षेत्र ---- अनु. 1 से 4 

भाग - 2 
            ➥ नागरिकता ----- अनु. 5 से 11 

भाग - 3 
            ➥ मौलिक अधिकार ----- अनु. 12 से 35 

भाग - 4 
            ➥ राज्य की नीति के निदेशक तत्व ----- अनु. 36 से 51 

भाग - 4 A 
            ➥ मौलिक कर्तव्य ----- अनु. 51 क 

भाग - 5 
            ➥ संघ सरकार ----- अनु. 52 से 151 
                     ➧ अध्याय - 1- कार्यपालिका ----- 52 से 78 
                     ➧ अध्याय - 2 - संसद ----- 79 से 122 
                     ➧ अध्याय - 3 - राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां ---- 123 
                     ➧ अध्याय - 4 - संघ की न्यायपालिका ----- 124 से 147 
                     ➧ अध्याय - 5 - भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ----                                                                                             148 से 151 

भाग - 6 
            ➥ राज्य सरकारें ----- 152 
                    ➧ अध्याय - 1- साधारण ----- 152 से 237 
                    ➧ अध्याय - 2- कार्यपालिका ---- 153 से 167 
                    ➧ अध्याय - 3 - राज्य का विधानमण्डल ---- 168 से 212 
                    ➧ अध्याय - 4 - राज्यपाल की विधायी शक्तियां ---- 213 
                    ➧ अध्याय - 5 - राज्यों के उच्च न्यायालय ----- 214 से 232 
                    ➧ अध्याय - 6. - अधीनस्थ न्यायालय ----- 233 से 237 
भाग - 8  
            ➥ संघ राज्य क्षेत्र ---- 239 से 242 

भाग - 9  
            ➥ पंचायतें ----- 243 से 243-ण 

भाग - 9 क 
            ➥ नगरपालिका ----- 243-त से 243- छ 

भाग - 9 ख 
            ➥ सहकारी समितियां ----- 243-ZH से 243-ZT 

भाग - 10 
            ➥ अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र ----- 244 से 244-क 

भाग - 11 
            ➥ संघ और राज्यों के बीच संबंध ----- 245 से 263 
                       ➧ अध्याय - 1- विधायी संबंध ----- 245 से 255 
                       ➧ अध्याय - 2- प्रशासनिक संबंध ----- 256 से 263 

भाग - 12 
           ➥ वित्त, संपत्ति, संविदायें और वाद ----- 264 से 300ए 
                        ➧ अध्याय - 1- वित्त ---- 264 से 291 
                        ➧ अध्याय - 2- ऋण लेना ---- 292 से 293 
                        ➧ अध्याय - 3- संपत्ति, संविदायें, अधिकार, बाध्यताएं                                                                      और वाद ----- 294 से 300 
                        ➧ अध्याय - 4- संपत्ति का अधिकार ----- 300क 

भाग - 13 
            ➥ भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य एवं समागम --                                                                                       301 से 307

भाग - 14 
            ➥ संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं ---- 308 से 323 
                         ➧ अध्याय - 1- सेवायें ----- 308 से 314 
                         ➧ अध्याय - 2- लोक सेवा आयोग ---- 315 से 323 

भाग - 14क 
            ➥ अधिकरण ---- 323क से 323ख 

भाग -15 
            ➥ निर्वाचन ---- 324 से 329क 

भाग - 16 
            ➥ कुछ वर्गों से सम्बंधित विशेष प्रावधान ----- 330 से 342 

भाग - 17 
            ➥ राजभाषा ----- 343 से 351 
                        ➧ अध्याय - 1- संघ की भाषा ---- 343 से 344 
                        ➧ अध्याय - 2- प्रादेशिक भाषाएं ----- 345 से 347 
                        ➧ अध्याय - 3- सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय आदि                                                          की भाषा ---- 348 से 349 
                        ➧ अध्याय - 4- विशेष निदेश ---- 348 से 349/350 से 351

भाग - 18 
            ➥ आपात उपबंध ---- 352 से 360 

भाग - 19 
            ➥ प्रकीर्ण ----- 361 से 367 

भाग - 20 
            ➥ संविधान का संशोधन ---- 368 

भाग - 21 
            ➥ अस्थायी, संक्रमणशील और विशेष उपबंध ---- 369 से 392 

भाग - 22 
            ➥ संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिंदी  प्राधिकृत पाठ और निरसन ----                                                                                     393 से 395 

Note - भाग 6 (भाग - ख राज्यों से संबंधित)  को 7 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1956 द्वारा विलोपित कर दिया गया था 
 भाग 4क तथा भाग 14क दोनों का समावेश 42 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1976 द्वारा किया गया 
भाग 9क का समावेश 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा किया गया है 
भाग 9ख को 97 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2011 द्वारा जोड़ा गया 


संविधान के प्रमुख अनुच्छेद 




अनु. 1 - संघ का नाम और राज्यक्षेत्र 

अनु. 3 - नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन 

 अनु. 13 - मूल अधिकारों को असंगत  या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां 

अनु. 14 - विधि के समक्ष समानता 

अनु. 16 - लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता 

अनु. 17 - अस्पृश्यता का अंत 

अनु. 19 - वाक् स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण 

अनु.  21 - प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण 

अनु. 21क - प्राथमिक शिक्षा का अधिकार 

अनु. 25 - अंत:करण की और धर्म अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता 

अनु. 30 - शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों को अधिकार 

अनु. 31ग - कुछ निदेशक तत्वों  को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृति 

अनु. 32 - मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए रिट सहित उपचार 

अनु. 38 - राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा 

अनु. 40 - ग्राम पंचायतों का संगठन 

अनु. 44 - नागरिकों के लिए  समान नागरिक संहिता 

अनु. 45 - 6 वर्ष  से कम आयु वाले बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध 

अनु. 46 - अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि 

अनु. 50 - कार्यपालिका से न्यायपालिका  पृथक्करण 

अनु. 51 - अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि 

अनु. 51क - मौलिक कर्तव्य 

अनु. 72 - क्षमा आदि  की और कुछ मामलों में, दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति 

अनु. 74 - राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद 

अनु. 78 - राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमत्री के कर्तव्य 

अनु. 110 - धन विधेयक की परिभाषा 

अनु. 112 - वार्षिक वित्तीय विवरण 

अनु. 123 - संसद के विशांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति 

अनु. 143 - उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति 

अनु. 155 - राज्यपाल की नियुक्ति 

अनु. 161 - क्षमा आदि की और कुछ मामलों में, दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति 

अनु. 163 - राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद 

अनु. 167 - राज्यपाल को जानकारी देने आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य 

अनु. 169 - राज्यों में विधानपरिषदों के उत्सादन या सृजन 

अनु. 200 - विधेयकों पर अनुमति 

अनु. 213 - विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति 

अनु. 226 - कुछ रिटे निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति 

अनु. 239कक - दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध 

अनु. 249 - राज्य सूची के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की संसद की शक्ति 

अनु. 262 - अंतरराज्यीय नदियों या नदी - घाटियों के जल संबंधी विवादों का न्याय निर्णयन 

अनु. 263 - अंतरराज्यीय परिषद के संबंध में उपबंध 

अनु. 265 - विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना 

अनु. 275 - कुछ राज्यों को संघ से अनुदान 

अनु. 280 - वित्त आयोग 

अनु. 300 - वाद और कार्यवाहियां 

अनु. 300क - विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को सम्पत्ति से वंचित न किया जाना (संपत्ति का अधिकार)

अनु. 311 - संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पदावनत किया जाना 

अनु. 312 - अखिल भारतीय सेवाएं 

अनु. 315 - संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग 

अनु. 320 - लोक सेवा आयोगों के कृत्य 

अनु. 323क - प्रशासनिक अधिकरण 

अनु. 324 - निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना 

अनु. 330 - लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण 

अनु. 335 - सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के दावे 

अनु. 352 - आपात की घोषणा (राष्ट्रीय आपातकाल) 

अनु. 356 - राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध 

अनु. 360 - वित्तीय आपात के बारे में उपबंध 

अनु. 365 - संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव 

अनु. 368 - संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया 

अनु. 370 - जम्मू कश्मीर राज्य के संवंध में अस्थायी उपबंध 



भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केन्द्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया। जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायिका वाला केन्द्र-शासित क्षेत्र होगा


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Shailesh Shakya 

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